राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी कई बार भावुक नजर आए।
Newsaaj24.com में आपका स्वागत है , राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को उस समय सियासी हंगामा देखने को मिला जब सदन के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर अभद्र व्यवहार करने और अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। इस दौरान देवनानी इतने भावुक हो गए कि सदन में उनकी आंखों से आंसू छलक आए। देवनानी ने कहा, मैंने कभी पक्षपात नहीं किया, फिर भी आरोप लगाए जाते हैं।
सदन स्थगित होने के बाद डोटासरा ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया है, वह असहनीय है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि राजस्थान विधानसभा की लंबी और गरिमामय परंपरा है। यहां कई बार गतिरोध हुआ है, विपक्ष ने धरना भी दिया है, लेकिन सदन स्थगित होने के बाद डोटासरा ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया है, वह असहनीय है। इस पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि गोविंद सिंह डोटासरा की सदस्यता रद्द की जानी चाहिए। वहीं गंगानगर से विधायक जगदीप बियाणी ने कहा कि आज सदन में संविधान की दुहाई दी गई है। ऐसे व्यक्ति को विधायक पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है।
सदन की मर्यादा तार-तार हुई’
राजस्थान विधानसभा में अविनाश गहलोत की इंदिरा गांधी पर टिप्पणी और 6 कांग्रेस विधायकों के निलंबन को लेकर गतिरोध जारी है। अब गोविंद सिंह डोटासरा की विधानसभा अध्यक्ष पर टिप्पणी और उनके व्यवहार ने नया बवाल खड़ा कर दिया है। डोटासरा के व्यवहार के कारण विधानसभा अध्यक्ष आज सदन में भावुक हो गए। राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के व्यवहार के कारण मंगलवार को सदन की कार्यवाही के दौरान बोलते हुए स्पीकर वासुदेव देवनानी कई बार भावुक नजर आए।
जब बेटा भी अपने कर्तव्यों का पालन करता है, तो पिता का दिल बड़ा होता है
जब बेटा भी अपने कर्तव्यों का पालन करता है, तो पिता का दिल बड़ा होता है
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि बार-बार कहा जाता है कि पिता का दिल बड़ा होना चाहिए। जब बेटा भी अपने कर्तव्यों का पालन करता है, तो पिता का दिल बड़ा होता है। अगर बेटा भी अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करता, तो पिता भी उसे घर से निकाल देता है और अलग कर देता है। पिता बेटे को फिर कभी घर में नहीं रखता। पिता को भी कठोर मन से ये व्यवस्थाएं करनी पड़ती हैं।
सदन में गोविंद सिंह डोटासरा के व्यवहार और उनके बयान पर विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि राजस्थान विधानसभा 1952 से चल रही है।
कांग्रेस विधायकों ने किया विरोध, अंदर जाने की कोशिश
कांग्रेस विधायक विधानसभा के अंदर जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद सभी कांग्रेस विधायक विधायक निवास के गार्डन में एकत्र हुए और वहीं से सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
तब मैं बच्चा था, लेकिन जब से समझ में आया, तब से विधानसभा की कार्यवाही अखबार में पढ़ता आ रहा हूं। तब से ऐसी घटना कभी नहीं हुई। एक पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष ने सदन की मर्यादा और मर्यादा को तार-तार कर दिया। कल प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष के व्यवहार से जो दृश्य बना, मुझे लगता है कि वह भी शर्मनाक है।
हम संसदीय व्यवस्था में रहते हैं, इसलिए मैंने बड़े मन से सभी को आमंत्रित किया। अगर मैं कल सदन स्थगित नहीं करता, तो पता नहीं क्या होता। मैंने सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए इसे स्थगित किया।
राजस्थान विधानसभा में 6 विधायकों के निलंबन के बाद अब नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के बाहर धरना शुरू कर दिया। इस धरने में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली शामिल हुए।